रामानंद सागर की 'रामायण' में एक-एक किरदार ने शानदार एक्टिंग की थी। इस आर्टिकल में हम इन किरदारों के बारे में ऐसी बातें बताएंगे, जिन्हें आप शायद ही जानते हों।
जब कोरोना महामारी के कारण देश भर में लॉकडाउन लगा था। तभी लोगों के मनोरंजन के लिए 'दूरदर्शन' पर 'रामायण' (Ramayana) और 'महाभारत' (Mahabharat) जैसे पुराने धारावाहिकों को फिर से शुरू किया गया था। इन धारावाहिकों को लोगों का खूब प्यार मिला था। पुराने लोगों को तो ऐसा लगा, जैसे कोई खोई हुई चीज वापस मिल गई हो। रामानंद सागर की 'रामायण' में एक-एक किरदार ने शानदार एक्टिंग की थी, जिसके कारण दर्शक उसे भाव विभोर होकर देखते हैं। आज हम आपको रामानंद सागर की 'रामायण' के किरदारों के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
वैसे तो, 'रामायण' में राम और सीता का मेन रोल था, जिससे बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, सभी उस किरदार को निभाने वाले चेहरों को पहचानते हैं। लेकिन, राम के पिता दशरथ और माता कौशल्या की भूमिका भी कम नहीं थी। आज भी, हमारे सामने जब कोई दशरथ या कौशल्या का नाम लेता है, तो हमारे दिमाग में उन्हीं कलाकारों की छवि बन जाती है, जिसे हमने टीवी में देखा था। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि, 'रामायण' में दशरथ का किरदार निभाने वाले बाल धुरी (Bal Dhuri) और कौशल्या का किरदार निभाने वाली जयश्री गेडकर (Jayshree Gadkar), रियल जिंदगी में भी पति-पत्नी थे। दोनों लोग (जयश्री और बाल धुरी) मराठी फिल्मों में काम करते थे।
बाल धुरी का जन्म 1944 में महाराष्ट्र में हुआ था। इनका असली नाम भैयूजी है, लेकिन घर के लोग इन्हें प्यार से 'बाल' कहकर बुलाते थे। बाद में, उन्होंने अपना यही नाम रख लिया था। बाल धुरी को बचपन से ही एक्टिंग करने का शौक था, इसलिए वे रंगमंच में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे। हालांकि, उनके घर वाले नहीं चाहते थे कि, बेटा अभिनय की दुनिया में अपना करियर बनाए।
बाल धुरी के घर वाले चाहते थे कि, बेटा अच्छे से पढ़ाई करे और कोई नौकरी करे। माता-पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए बाल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। उनकी नौकरी भी लग गई थी, लेकिन बाल का मन काम में नहीं लगता था। आखिरकार, उन्होंने घर वालों की इच्छा के विरुद्ध जाकर नौकरी छोड़ दी थी और एक्टिंग की दुनिया में आ गए थे। उन्होंने मराठी फिल्म 'देवाचिए द्वारी' से एक्टिंग की शुरुआत की थी। आज भी बाल धुरी एक्टिंग की दुनिया में एक्टिव हैं।
बाल धुरी बहुत प्रतिभावान थे। इन्होंने मराठी फिल्मों के अलावा हिंदी और गुजराती फिल्मों में भी अभिनय किया था। हिंदी फिल्मों में 'जय बजरंग बली', 'ईश्वर', 'सौतन की बेटी' शामिल हैं। उन्होंने फिल्मों के अलावा नाटकों में भी अपनी पहचान बनाई है। बाल ने 30 से ज्यादा नाटकों में अभिनय किया है। हालांकि, ज्यादातर लोग इन्हें टीवी पर महाराज 'दशरथ' के रोल के कारण ही पहचानते हैं।
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जयश्री का जन्म 21 फरवरी 1942 कनार्टक के कारवार शहर में हुआ था। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। जयश्री की पहली फिल्म 'तमाशा' थी। इसके बाद उन्होंने साल 1955 में वी शांताराम की फिल्म 'झनक झनक झनक पायल बाजे' की थी। जयश्री ने 'सांगते एका', 'अवगाची संसार', 'मानिनी' जैसी हिट फिल्में भी की थीं।
इतना ही नहीं, अदाकारा जयश्री एक बेहतरीन डांसर भी थीं और बतौर डांसर ही उन्होंंने फिल्मों में एंट्री की थी। जयश्री ऑलराउंडर थीं। उन्होंने न केवल मराठी फिल्में की थीं, बल्कि हिंदी, तमिल, तेलगू सिनेमा में भी अपनी अलग पहचान बनाई थी। इसके अलावा, जयश्री ने 'रामायण' जैसे धारावाहिक में 'कौशल्या' का रोल निभाकर लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई थी। चार दशकों की अवधि में जयश्री ने लगभग 250 फिल्मों में काम किया था। जयश्री की आत्मकथा 'आशी में जयश्री' 1986 में प्रकाशित हुई थी। हालांकि, वह अब हमारे बीच में नहीं हैं। साल 2008 में महान अदाकारा जयश्री ने दुनिया को अलविदा कह दिया था।
हुआ ये कि, रामानंद सागर ने 'रामायण' की कास्टिंग शुरू कर दी थी, उसी दौरान अभिनेत्री जयश्री और उनके पति बाल धुरी रामानंद से मिलने पहुंचे थे। उसी समय रामानंद ने बाल धुरी से 'मेघनाथ' या 'दशरथ' का किरदार निभाने के लिए कहा था। जिसके बाद, बालधुरी ने 'दशरथ' की भूमिका निभाने के लिए हां कह दिया था। हालांकि, रामानंद चाहते थे कि, बाल धुरी 'मेघनाथ' की भूमिका निभाएं, क्योंकि 'दशरथ' का रोल बहुत कम था। वहीं, मराठी फिल्मों में काम करने के कारण जयश्री को रामानंद सागर ने पहले ही 'कौशल्या' का रोल ऑफर कर दिया था। इस प्रकार, निजी जिंदगी में पति-पत्नी होने के साथ-साथ बाल धुरी और जयश्री ने ऑन स्क्रीन भी पति-पत्नी का किरदार निभाया था। रियल जिंदगी में जयश्री और बाल धुरी का एक बेटा है।
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आपको जानकर हैरानी होगी कि, जब रामायण की शूटिंग के दौरान 'दशरथ' को चिता पर लिटाया जाना था, तो उनकी पत्नी जयश्री ने उस सीन को करने से मना कर दिया था। उसके बाद, बाल धुरी ने जयश्री को बहुत समझाया था और उन्हें उस सीन को करने के लिए राजी किया था। उन्होंने अपने घर में भी रामायण के कॉस्ट्यूम में अपनी तस्वीरें लगा रखी थीं।
तो ये थी महाराजा 'दशरथ' और 'कौशल्या' की शानदार एक्टिंग करने वाले बाल धुरी व जयश्री से जुड़ी वो बातें, जिनसे आप अभी तक अनजान रहे होंगे। हमें कमेंट करके बताइए कि, आपको 'रामायण' के इन किरदारों के बारे में जानकर कैसा लगा? और कोई जरूरी सुझाव हो तो अवश्य दें।