दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की प्रोफेशनल लाइफ के बारे में तो सब जानते होंगे, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे। तो आइए आपको बताते हैं उनकी लव स्टोरी।
दिल्ली की जनता का दिल जीतने वाले सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) अपनी पत्नी सुनीता को बेहद प्यार करते हैं। ऐसा हो भी क्यों ना, सुनीता भी उनकी जिंदगी में हर फैसले में उनके साथ खड़ी रही हैं। उनके कारण ही अरविंद केजरीवाल यहां तक पहुंचे हैं। आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) की नौकरी छोड़कर उन्होंने जो भी काम किया, उसमें उनकी पत्नी ने बड़ी भूमिका निभाई। आज भी उनकी प्रेम कहानी नौजवानों को प्रेरणा देने का काम करती है। तो आइए बताते हैं उनकी लव स्टोरी।
बीजेपी को दिल्ली में मात देने वाले अरविंद केजरीवाल की सुनीता से मुलाकात 'भारतीय राजस्व सेवा' की परीक्षा पास करने के बाद ट्रेनिंग के दौरान हुई थी। नागपुर स्थित राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में दोनों पहली बार मिले थे। दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। दोस्ती के बाद दोनों का कनेक्शन बदलने लगा। दोनों रोजाना घंटों के एक-दूसरे के साथ गुजारने लगे। मन में सुनीता के लिए प्यार का एहसास होने के बाद भी वो उन्हें प्रपोज करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।
प्यार तो दोनों तरफ था, लेकिन इजहार नहीं हो पा रहा था। कई महीनों तक अरविंद और सुनीता ने अपनी फीलिंग्स को दबाकर रखा था। अरविंद केजरीवाल कई इंटरव्यू में अपनी प्रेम कहानी का जिक्र कर चुके हैं। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था, ''एक दिन अकादमी में मैंने सुनीता के दरवाजे पर दस्तक दी और प्रपोज कर दिया। प्यार तो सुनीता भी करती थीं, लेकिन मुझे नहीं पता था कि वह आराम से 'हां' बोल देंगी।''
अरविंद केजरीवाल से सुनीता काफी प्रभावित थीं। सुनीता हमेशा से चाहती थीं कि उनका पति ईमानदार और देश सेवा को तव्वजो देने वाला हो। ट्रेनिंग के दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा। फैमिली की मंजूरी के बाद अगस्त 1994 में दोनों की सगाई हो गई। इसके दो महीने बाद नवंबर 1994 में 'आईआरएस' के प्रशिक्षण के दौरान दोनों ने शादी कर ली थी। शादी के एक साल बाद सुनीता मां बनी थीं और उन्होंने बेटी हर्षिता को जन्म दिया था। इसके बाद साल 2001 में कपल ने अपने बेटे पुलकित का स्वागत किया था।
अरविंद केजरीवाल सुनीता को आज भी उतना ही चाहते हैं। उनके योगदान को वो नहीं भूलें। उन्हीं की वजह से वो 'आईआरएस' की नौकरी छोड़कर समाजसेवा के काम में निकले थे। घर से बेफिक्र होकर राजनीति की। जब साल 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने अपनी ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, तो उन्होंने अपनी जीत को अपनी प्रिय पत्नी को समर्पित किया था और उन्हें गले लगा लिया था।
खैर, अरविंद केजरीवाल और सुनीता केजरीवाल की प्रेम कहानी वाकई नौजवानों को प्रेरणा देने का काम करती है। फिलहाल, आप अरविंद और सुनीता की लव स्टोरी पर क्या सोचते हैं? हमें कमेंट में जरूर बताएं।