हाल ही में, एक्टर अमिताभ बच्चन ने एक बार फिर अपने दिल की बातें अपने ब्लॉग में लिखी हैं और इस बार उन्होंने ब्लॉग में अपनी मां तेजी बच्चन के साथ बिताए आखिरी पलों का जिक्र किया है। आइए आपको बताते हैं।
बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) अक्सर अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स में अपनी मां और बाबूजी का जिक्र करते रहते हैं। आज यानी 21 दिसंबर 2022 को तेजी बच्चन की पुण्यतिथि पर अमिताभ बच्चन ने उन्हें याद किया है। वह अक्सर अपने ब्लॉग 'लेट नाइट' के जरिए अपनी दिल की बातें उसमें लिखा करते हैं और इस बार उन्होंने सुबह के वक्त एक ब्लॉग लिखकर अपनी मां के आखिरी पलों को याद किया है।
अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में लिखा, ''वह उतनी ही सुंदर और शांत तरीके से चली गईं, जितना उनका स्वभाव था। उस सुबह मैंने देखा कि डॉक्टर्स फिर से उनके नाजुक दिल को जीवित करने के लिए मशक्कत कर रहे थे। फिर से उनके नाजुक ढांचे को बुरी तरह झटके दे रहे थे, ताकि वह फिर से जी उठें। हम खड़े थे। सभी करीबी, हाथों को पकड़े हुए थे। भांजियों और बच्चों की आंखों में आंसू थे, लेकिन फिर मैंने बोल दिया। छोड़ दीजिए डॉक्टर, उन्हें छोड़ दीजिए। वह जाना चाहती हैं। रुक जाइए और कोशिशें मत कीजिए। क्योंकि हर कोशिश उनके सिस्टम के लिए दर्दनाक थी और हमारे लिए वहां खड़े होकर यह देखना भी बेहद दर्दनाक था।''
अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में आगे लिखा, ''हर बार वह सीधी रेखा आती और फिर शरीर को पंप करने के बाद ग्राफ का रिस्पॉन्स दिखता। मैंने कहा रोक दीजिए। उन्होंने ऐसा ही किया। इसके बाद मॉनिटर पर उस सीधी रेखा की अकेली आवाज आई, जिससे हमें और दुनिया को इशारा मिला कि वह जा चुकी हैं। हाल ही में, किसी ने अपने करीबी के गुजरने और बेहतर जगह पर जाने की बात की थी। ये शब्द हम अक्सर सांत्वना में सुनते हैं। उनके माथे पर धीमे से हाथ रखा। अस्पताल के उस शांत कमरे में लाखों यादें कौंध गईं।''
आगे अमिताभ बच्चन ने यह भी लिखा कि कैसे उनका पार्थिव शरीर उनके घर 'प्रतीक्षा' में लाया गया। अगले दिन अंतिम संस्कार से पहले उन्होंने अपनी मां के साथ आखिरी रात बिताई। उनकी राख (अस्थियों) को उन पवित्र जगहों पर ले जाया गया, जहां उनकी मान्यता थी। साथ ही तस्वीर उनके पिता हरिवंश राय बच्चन के पास रखी गई।
इससे पहले, अमिताभ बच्चन ने अपने एक इंटरव्यू में पिता हरिवंश राय बच्चन के निधन पर बात की थी। उन्होंने बताया था कि वह समय उनके लिए काफी कठिन रहा था। उन्होंने बताया था कि वह अपने पिता का अंतिम संस्कार करने बाद घर लौटे थे और अपने कमरे में बैठे हुए थे। वह बहुत परेशान थे। उस समय उनके एक दोस्त ने उनसे कहा उन्हें खुश होना चाहिए कि उन्होंने अपने पिता के साथ 60 साल बिता लिए, क्योंकि बिमारी के कारण वह 25 साल भी बिताने लायक नहीं थे। उन्होंने आगे कहा.....पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
खैर, इस बात में कोई शक नहीं है कि अमिताभ बच्चन द्वारा लिखे उनके ब्लॉग में हर एक एहसास है। फिर चाहे वह एहसास दर्द का हो, प्यार का हो या फिर परिवार का हो। फिलहाल, आप अमिताभ बच्चन द्वारा शेयर की गई इस बात पर क्या सोचते हैं? हमें कमेंट में जरूर बताएं।