यहां हम आपको अयोध्या के भव्य राम मंदिर की संरचना के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी दे रहे हैं, जो इसे बेहद खास बनाते हैं।
22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बहुप्रतीक्षित राम मंदिर (Ram Mandir) के प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होगा। पूरा देश इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य कई दिग्गज हस्तियां इस भव्य समारोह में शामिल होंगी, जिसका पूरे भारत में स्क्रीन पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। भक्तों से आग्रह किया गया है कि वे वर्चुअल रूप से इसमें भाग लें। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद 24 जनवरी 2024 से मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर की आधारशिला रखी थी, जिसके बाद तीन वर्षों के दौरान मंदिर का निर्माण हुआ। मंदिर के मामलों की देखरेख केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए ट्रस्ट 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' द्वारा की जाती है। 'जागरण जोश' की रिपोर्ट के अनुसार, यह संस्था न केवल मंदिर का प्रबंधन करती है, बल्कि 2.7 एकड़ के विशाल क्षेत्र की देखरेख करते हुए निर्माण प्रक्रिया में भी सक्रिय रूप से शामिल है। अब देश को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का इंतजार है। तो आइए यहां हम आपको मंदिर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स के बारे में बताते हैं।
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1. नागर शैली में निर्मित अयोध्या राम मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। मंदिर की नींव को बनाने में 2587 जगहों की मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है
2. गर्व से ऊंचा यह मंदिर तीन मंजिला होगी, जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है। कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे इसकी भव्यता में योगदान करते हैं। इन खंभों व दीवारों में देवी-देवता और देवांगनाओं की मूर्तियां बनाई गई हैं।
3. मंदिर में पांच विशिष्ट मंडप हैं, जिनमें नृत्य, रंग, सभा, प्रार्थना और कीर्तन शामिल हैं।
4. सिंह द्वार से 32 सीढ़ियां चढ़कर भक्त पूर्व दिशा से प्रवेश करेंगे। रैंप और लिफ्ट दिव्यांग व बुजुर्ग भक्तों को ऊपर तक जाने में मदद करेंगे।
5. पूरे मंदिर का निर्माण लोहे के उपयोग के बिना किया गया है, जो ट्रस्ट द्वारा पारंपरिक शिल्प कौशल के प्रति कमिटमेंट को दर्शाता है।
6. मंदिर के चारों ओर चार अलग-अलग मंदिर हैं, जिनमें सूर्य देव, देवी भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव की पूजा की जाएगी। मां अन्नपूर्णा और हनुमान मंदिर क्रमशः उत्तरी और दक्षिणी किनारों की शोभा बढ़ाते हैं।
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7. मंदिर की नींव में रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट की 14 मीटर मोटी परत है, जो आर्टिफिशियल चट्टान के जैसी है।
8. मंदिर में भूतल पर बने रामलला के गर्भगृह में सोने की परत लगे दरवाजे हैं। इसके अलावा, भूतल पर मौजूद सभी 14 गेट पर गोल्डन लेयर्स वाले दरवाजे लगाए गए हैं। मंदिर के गर्भ गृह में लगे सोने के दरवाजे की ऊंचाई करीब 12 फीट है, जबकि इसकी चौड़ाई 8 फीट है।
9. राम मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल की गई ईंटों पर 'श्री राम' लिखा हुआ है। मंदिर की नींव में कई सौ फीट नीचे रखे गए 'टाइम कैप्सूल' में मंदिर और भगवान राम व अयोध्या के बारे में जानकारी अंकित की गई है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को इसके बारे में पता चल सके।
10. 2022 में 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के निर्माण के लिए कुल 1,800 करोड़ का अनुमान लगाया गया था। 'पीटीआई' रिपोर्ट के अनुसार, 5 फरवरी 2020 और 31 मार्च 2023 के बीच मंदिर में 900 करोड़ पहले ही खर्च किए जा चुके थे।
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